tag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post3849160174851198560..comments2023-11-03T01:53:51.924-07:00Comments on मृगतृष्णा की दुनिया: “ इन्द्रधनुष पर बादल... !!! “विभा रानी श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-67523474627744244672012-01-08T02:19:26.339-08:002012-01-08T02:19:26.339-08:00बहुत बढ़िया...aab aapki agali post ka intajaar rah...बहुत बढ़िया...aab aapki agali post ka intajaar rahega Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-71647787879006524822012-01-08T02:13:31.381-08:002012-01-08T02:13:31.381-08:00This comment has been removed by the author. Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-85186368783128831472011-12-16T04:18:48.945-08:002011-12-16T04:18:48.945-08:00बहुत बढ़िया...
आलोचना का मौका नहीं देती आपकी रचना.....बहुत बढ़िया...<br />आलोचना का मौका नहीं देती आपकी रचना...vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-24140223171519664192011-12-13T10:22:38.433-08:002011-12-13T10:22:38.433-08:00'इन्द्रधनुष पर बादल' कभी न छायें...!
अनुभव...'इन्द्रधनुष पर बादल' कभी न छायें...!<br />अनुभव आपकी कलम से खूब लिखवाए... विविधता के साथ!<br />सादर!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-75075285985625152642011-12-08T22:10:37.177-08:002011-12-08T22:10:37.177-08:00अक्ल के परदे भारी भरकम होते हैं .... ज़िन्दगी तो ब...अक्ल के परदे भारी भरकम होते हैं .... ज़िन्दगी तो बीत जाती है, पर ज़िन्दगी जी नहीं जाती . ऐसे में लड़की परायी मायके ससुराल दोनों से हो जाती है. सीता की कहानी हिकारत से बताई जाती है .... कई लोगों से सुना है उस ज़माने में राजा जनक ने सबकुछ दिया था ... बतानेवाले भूल जाते हैं कि वे राजा जनक थे .... अपने सामर्थ्य से उन्होंने जो दिया वही प्रायः सभी माँ-बाप करते हैं , पर शादी का मतलब हुआ - जो हमारे बूते की बात नहीं वह तुम करो . दहेज़ के लिए ही लोग बेटा चाहते हैं बेटी नहीं चाहते !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-80508573590760089392011-12-08T21:02:20.861-08:002011-12-08T21:02:20.861-08:00" कोई ऐसा तराजू – बटखरा मिल जाता ,
जिस मे..." कोई ऐसा तराजू – बटखरा मिल जाता ,<br />जिस में रिश्ते नापा – तौला जाता ,<br />कोई हैरानी – परेशानी नहीं होती,<br />रिश्ते निभाने में आसानी जो होती... !! "<br />बिल्कुल सच कहा .. ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com