tag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post8262413133939765635..comments2023-11-03T01:53:51.924-07:00Comments on मृगतृष्णा की दुनिया: " रिश्ते " या " दिल " , शीशा होते है.... !!विभा रानी श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-44965374908547881992012-02-16T03:31:16.730-08:002012-02-16T03:31:16.730-08:00ज़िन्दगी मे रिश्ते और समझौते एक हद तक ही किये जा ...ज़िन्दगी मे रिश्ते और समझौते एक हद तक ही किये जा सकते हैं जब सहे ना जायें सडांध आने लगे बोझ से दबे जाओ तो छोडना ही बेहतर ताकि खुली सांस तो ली जा सके।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-81047317709154175672012-02-16T02:37:35.644-08:002012-02-16T02:37:35.644-08:00yhi jivn ki sachchai hai.yhi jivn ki sachchai hai.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-67316823507709432672012-02-16T00:58:34.531-08:002012-02-16T00:58:34.531-08:00आप सभी की शुक्रगुजार हूँ..... ! आप सभी का मेरे लिख...आप सभी की शुक्रगुजार हूँ..... ! आप सभी का मेरे लिखे पर ध्यान गया..... !बिना गलत का विरोध किये ,आज आपके सामने ,ये नहीं लिख पाती |समझौते तो जन्म से मरण तक होते है.... :)हिम्मत कभी टूटेगी भी ,तो आप सब का साथ है ,फिर क्या गम है..... :)विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-6045536581729845052012-02-16T00:26:20.428-08:002012-02-16T00:26:20.428-08:00ek nazuk si post......khoobsurti se sambhali hui.....ek nazuk si post......khoobsurti se sambhali hui.....mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-44487367690710395022012-02-15T23:26:48.450-08:002012-02-15T23:26:48.450-08:00मेरा भी मन बिहारी जी कि तरह रश्मि दी का कमेन्ट कट/...मेरा भी मन बिहारी जी कि तरह रश्मि दी का कमेन्ट कट/पेस्ट करने का हो रहा है...<br /><br />सच है...समझौता भी किसी एक हद तक ही किया जाना चाहिए..vidyahttps://www.blogger.com/profile/07319211419560198769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-68372885676989556922012-02-15T23:22:30.942-08:002012-02-15T23:22:30.942-08:00पहली बार किसी का कमेन्ट कट और पेस्ट कर रहा हूँ, क्...पहली बार किसी का कमेन्ट कट और पेस्ट कर रहा हूँ, क्योंकि इससे बेहतर बात मैं भी नहीं कह सकता:<br />शीशा कोई भी हो चुभ जाए तो तकलीफ देता है , बार बार चुभे तो ठीक नहीं होता ... वैसे ही रिश्तों का टूटना दर्द देता है ... उस पर पैबंद लगा हम जब तक चलते हैं , पैबंद दिखते ही हैं , दर्द उभरता है , पैबन्दों की संख्या बढ़ती जाती है !सौन्दर्य या खुशबू से परे ... बस अपनी हिम्मत याद रहती है और हिम्मत भी उदास करती है कई बार ,'क्यूँ नहीं गलत का विरोध किया ! समझौते में ही ज़िन्दगी गई ' (रश्मि दी)चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-13297513004527509702012-02-15T20:15:17.944-08:002012-02-15T20:15:17.944-08:00bahut sundar....bahut sundar....स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/15401454238866410073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-58683292786379028342012-01-25T02:09:41.989-08:002012-01-25T02:09:41.989-08:00vaicharik drishti kon liye huye .....prernadayee p...vaicharik drishti kon liye huye .....prernadayee prastuti ...badhai Vibha ji .Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-75180977149502265032012-01-24T18:07:40.608-08:002012-01-24T18:07:40.608-08:00समय और स्थिति जीवन में महत्वपूर्ण है लेकिन इसमें स...समय और स्थिति जीवन में महत्वपूर्ण है लेकिन इसमें सोच का अपना महत्व है ..!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-86341310212321323932012-01-21T08:34:28.224-08:002012-01-21T08:34:28.224-08:00बहुत सार्थक प्रस्तुति, सुंदर रचना,बेहतरीन पोस्ट......बहुत सार्थक प्रस्तुति, सुंदर रचना,बेहतरीन पोस्ट....<br />new post<a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/blog-post_18.html#links" rel="nofollow">...वाह रे मंहगाई...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-54675195239043238192012-01-20T21:39:59.795-08:002012-01-20T21:39:59.795-08:00वास्तविक चित्र प्रस्तुत किया है आपने। लेकिन आश्चर्...वास्तविक चित्र प्रस्तुत किया है आपने। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से ऐसी परिस्थितियों का एक अपवाद मेरे आस पास मौजूद है। <br />कहीं काही रिश्तों के टूटने और बिखरने के पीछे समझदारी या कहूँ तो तालमेल की कमी भी होती है। <br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-77880547974481470912012-01-14T22:20:46.837-08:002012-01-14T22:20:46.837-08:00रिश्ते कई बार टूटते हैं पर हर बार कुछ न कुछ बिखराव...रिश्ते कई बार टूटते हैं पर हर बार कुछ न कुछ बिखराव आ ही जाता है ... वो पुराने वाली बात नहीं रह जाती ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2741292952951999412.post-21803606787852236782012-01-12T23:14:22.843-08:002012-01-12T23:14:22.843-08:00शीशा कोई भी हो चुभ जाए तो तकलीफ देता है , बार बार ...शीशा कोई भी हो चुभ जाए तो तकलीफ देता है , बार बार चुभे तो ठीक नहीं होता ... वैसे ही रिश्तों का टूटना दर्द देता है ... उस पर पैबंद लगा हम जब तक चलते हैं , पैबंद दिखते ही हैं , दर्द उभरता है , पैबन्दों की संख्या बढ़ती जाती है !सौन्दर्य या खुशबू से परे ... बस अपनी हिम्मत याद रहती है और हिम्मत भी उदास करती है कई बार ,'क्यूँ नहीं गलत का विरोध किया ! समझौते में ही ज़िन्दगी गई 'रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com