मृगतृष्णा की दुनिया
देवनागरी में लिखें
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Monday, 11 March 2013
हौसले
दुःख के बादल हैं मँडाराते ,
आंसुओं में पिघल जाने के लिए ....
कई मुश्किलें हैं विचलाते ,
हौसले आज़माने के लिए ....
उलझनों में ना हैं ,उलझते ,
लड़ते हैं ,सुलझाने के लिए ....
पतझड़ -अंधेरो से नहीं हैं घबराते ,
जिंदगी मिली है ,नहीं खोने के लिए ....
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