sat & sun यानी छुट्टी का दिन , सोने पे सुहागा ,पति दोनों दिन घर के बाहर , सोची मस्ती ही मस्ती , नेट हाँथ में ,लैपटॉप , अपने वश में.... :) लेकिन...... रश्मि प्रभा जी का http://bulletinofblog.blogspot.com/2012/01/blog-post_पे गाना नहीं सुनी , http://urvija.parikalpnaa.com/2012/01/blog-post_21.का पन्ना खुला ही नहीं , dheerendra जी का http://urvija.parikalpnaa.com/2012/01/blog-post_21.html का पन्ना कभी आधा खुलता या नहीं खुलता ,मानो माखौल उड़ा रहा हो , पढ़ने का नशा है....... लो पढ़ लो..... , यशवंत माथुर की माँ की लिखी कविता http://jomeramankahe.blogspot.com/2012/01/2.htmlपर कुछ लिखना चाहती थी , माँ को नमन करना चाहती थी , पल्लवी जी का http://aapki-pasand.blogspot.com/2012/01/blog-post_वक्त साथ दिया या नहीं पता नहीं , लेकिन मुझे , sat & sun ने sad कर दिया......... ऐसा क्यों होता है , हम जो सोचते है , वैसा क्यों नहीं होता है....... खैर...लेकिन "थोड़ी सी "अच्छी सी बात हुई , यशवंत माथुर जी से msg के द्वारा कुछ सिखने को मिला , मृगांक बेटू के msg से मन हल्का हुआ.... :) ज्यादा गम , थोड़ी ख़ुशी मिली........... उम्मीद है , शायद कल (कभी नहीं आता ) सब ठीक हो जाये............
25 comments:
कल सब ठीक हो जाये:)
होता है होता है ...बेटे हैं न मन को शांत करने के लिए :)
टेंशन नहीं लीजिये आंटी ....हमेशा की तरह मुस्कुराइए तो एक बार....ऐसे :)
कभी कभी ऐसा हो जाता,...टेशन न ले .....
new post...वाह रे मंहगाई...
बहुत संदर प्स्तुति । मेरे नए पोस्ट " डॉ.ध्रमवीर भारती" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति,अक्सर ऐसा होता है,,,,,
WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
आपने तो मेरे पोस्ट पर आना ही छोड़ दिया,ऐसी भी क्या नारजगी,..आइए स्वागत है
ऐसा अक्सर होता रहता है टेंशन लेना ठीक नहीं ...
jhunjhlahat achchhi hai...:-D
badi pyari se tension de jati hai..
कभी कभी ऐसा भी होता है...गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें! जय हिन्द!
आज कल मैं भी झुंझला ही रही हूँ ..मेरा तो स्वयं का कंप्यूटर लटक जाता है .. देखो कब पटरी पर आता है ..
कभी कभी होता है ऐसा।
शायद नेट और कम्प्यूटर आपके सब्र की परीक्षा ले रहा हो।
लगे रहिए।
कुछ अनुभूतियाँ इतनी गहन होती है कि उनके लिए शब्द कम ही होते हैं !
बहोत अच्छे ।
नया ब्लॉग
http://hindidunia.wordpress.com/
ye to sabke sath hota hai kabhi kabhi :)
:)
आपकी झुंझलाहट भी रोचक है :)
सादर.
होता है कई बार ऐसा भी ..मेरे साथ भी कई बार ऐसा ही हुआ है..खैर जो भी हो ये झुंझलाहट भी रोचक रही...
aap ki jhunjhlaht bhi pyaari hai.... :)
आइडिया तो अच्छा है.
रोचक झुंझलाहट...
Good Idea .....!
सार्थक पोस्ट, आभार.
मैं आपके ब्लॉग को फालो कर चुका हूँ, अपेक्षा करता हूँ कि आप मेरे ब्लॉग"MERI KAVITAYEN" पर पधारकर मुझे भी अपना स्नेह प्रदान करेंगे .
कभी कभी होता है ऐसा
when end is good everything is good
सार्थक प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आप आमंत्रिक हैं । धन्यवाद ।
वाह, बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है ।..
इसी तरह ज़िन्दगी चलती रहती है।
Post a Comment