देवनागरी में लिखें

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Monday 11 March 2013

हौसले





दुःख के बादल हैं मँडाराते ,
आंसुओं में पिघल जाने के लिए ....
कई मुश्किलें हैं विचलाते ,
हौसले आज़माने के लिए ....
उलझनों में ना हैं ,उलझते ,
लड़ते हैं ,सुलझाने के लिए ....
पतझड़ -अंधेरो से नहीं हैं घबराते ,
जिंदगी मिली है ,नहीं खोने के लिए ....




10 comments:

Unknown said...

Waah Waah........... Bahut Khoob
Didi Kuchh Swrachit Pankttiyan YAAD aa Gayi :-
''Jindagi Mili Hai, To ZindaDili Se Jeeunga,
E Andhera Tu Mujhe, Ab Kya Darayega''.

Tamasha-E-Zindagi said...

वाह अम्मा बहुत बढ़िया लिखा आपने | सादर

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

हौसला रखने वाले जीवन में कामयाब होते है,,

Recent post: रंग गुलाल है यारो,

Akhtar Kidwai said...

जिंदगी मिली है ,नहीं खोने के लिए ....beahd umda likha aap ne

रश्मि प्रभा... said...

हौसले आर्तनाद भी करते हैं ... अपनी चीखों की प्रतिध्वनि की शून्यता में अपनी पूरी जन्दगी का हिसाब किताब करते हैं

सदा said...

वाह ... क्‍या बात है
इन हौसलों को सलाम ...
सादर

kuldeep thakur said...

जो लोग जिंदगी से निराश हो चुके हों उन मुझ जैसे कई लोगों को संदेश देती रचना...

Anupama Tripathi said...

पतझड़ -अंधेरो से नहीं हैं घबराते ,
जिंदगी मिली है ,नहीं खोने के लिए ....

बहुत सुन्दर एवं सार्थक भी ...!!

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह....
सुन्दर अभिव्यक्ति....
सार्थक भाव..

सादर
अनु

Dr.NISHA MAHARANA said...

कई मुश्किलें हैं विचलाते ,
हौसले आज़माने के लिए ..pate ki bat ....