देवनागरी में लिखें

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Monday, 24 October 2011

हलचल क्यों ?

उम्र के इस पड़ाव पे अपनी तारीफ !
हलचल (गुदगुदी ) सी क्यों है ?
किसी की नजर न लग जाये !
डर ( लज्जा ) सा क्यों हैं ?

4 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...

थोड़ी हलचल होने मे हर्ज़ ही क्या है? इसका आनंद लीजिये :)

दीपवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

सादर

रश्मि प्रभा... said...

अमां किसकी नज़र लगेगी ... ये हलचल उनको मौका ही नहीं देगी... आगे बढ़ कर इतराएगी

Urmi said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुती!
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/

Kailash Sharma said...

बहुत खूब! दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!