कुछ नया करना या जानना जिन्दगी को उर्जा से भर देता है, आज हकीकत में अनुभव कर रही हूँ…. J
चार भाइयों की लाडली , माँ - पापा की दुलारी अपनी खुशियों से भरी ( शांतिपूर्ण ) जिन्दगी सोलह साल गुजारी ही थी , कि मझले भाई की मृत्यु , बड़े भाई की शादी , माँ की मृत्यु , बड़े भतीजे का जन्म.... !!
http://urvija.parikalpnaa.com/2011/10/blog-post_28.html
चार भाइयों की लाडली , माँ - पापा की दुलारी अपनी खुशियों से भरी ( शांतिपूर्ण ) जिन्दगी सोलह साल गुजारी ही थी , कि मझले भाई की मृत्यु , बड़े भाई की शादी , माँ की मृत्यु , बड़े भतीजे का जन्म.... !!
इस उतार - चढाव ( सुख - दुःख ) वाले जिन्दगी के बाइसवें साल में शादी... !! ससुराल में देवर - ननद की शादी , उनके बच्चे , अपना बेटा , उसकी परवरिशके बीच अपने पति के बढ़ावा देने पर बी.एड .और law की.... !!
बेटे के पढ़ाई और फिर नोंकरी के लिए बाहर जाने के बाद और पति के अपने कामों में अति व्यस्त रहने के कारण ,अपने मनपसंद कार्य पेपर ज्वेलरी ,बुनाई -कढ़ाई में समय व्यतीत हो जाता था ,लेकिन कितने वर्षो तक... ??
इस बार बेटा जब घर आया (अगस्त ११ ) तो प्रोत्साहित किया , कि फिर से पढ़ने - लिखने पर ध्यान लगाओं.... !! इस ओर तो कभी ध्यान ही नहीं गया था....
घर रहकर ही विस्तृत आकाश मिला ,अनेक सितारे मिले ,आपका साथ मिला "बहुत -बहुत धन्यवाद ".... !!
अब जिन्दगी में हर्ष -उल्लास आ गया है... :) जीने में मज़ा आने लगा है.... :):)
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5 comments:
अब यह ऊर्जा बनी रहे .... बेटे ने ऊँगली थामी है तो निःसंदेह सूद्सहित जीने का मज़ा है....
अच्छा लगा।
उर्जा बढ़ती रहे!
शुभकामनाएं!
ye urja aur jeevan ke prati aapke prem ko dekhkar hi man prasann ho gaya ji
badhayi
चाची जी "उर्जामय ज़िन्दगी " बहुत अच्छी लगी |
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